आपको हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक नये जाल-स्थल (वेबसाइट) का परिचय हो इस हेतू यह पत्र भेजा जा रहा है|
आज इंटरनेट पर हिंदी मे साहित्य निर्मिती हो रही है, यह बड़ी उत्साहजनक बात है| लोग अपने विचार समाज के समक्ष अपनी भाषा मे रख रहे है| हिंदी मे लिखना और वह प्रकाशित करना आज भी उतना सहज नही है लेकिन लोगों का उत्साह कायम है| आज इंटरनेट पर अच्छा हिंदी साहित्य निर्माण हो रहा है| हिंदी विकीपीडीया तथा अन्य सैकडों चिठ्ठे (ब्लॉग) इस बात का प्रमाण देंगे की हिंदी भाषी लोग अपनी भाषा के प्रति इंटरनेट पर भी सजग हो रहे है| लेकिन हमारी संख्या और हमारे प्रगल्भ साहित्य को देख कर यह प्रतीत होता है की यह प्रयास आज भी पर्याप्त नही है|
आज हिंदी को इंटरनेट पर बढावा देने के लिये एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है| सभी मिलकर हिंदी को साथ ले जायेंगे| इस विचार से हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करे तथा जहां सामाजिक चर्चा मंच हो जो सरल और उपयोगी हो| ऐसा कुछ करने की चाह मन मे लेकर एक जाल स्थल की निर्मिती की गयी है| आगे उस जाल स्थल का संक्षिप्त परिचय कराने की कोशिश कर रहे है|
इस जगह (वेबसाइट) पर आप हिंदी में अत्यंत सरलता से लिख सकते है| अपना साहित्य, काव्य प्रकाशित कर सकते है तथा किसी भी सामाजिक विषय पर चर्चा शुरु कर सकते है|
यहां आने पर आपको सर्वप्रथम पंजियन कर अपना सदस्य नाम लेना है| यह नाम आप हिंदी मे ले सकते है और हमारा आग्रह है की आप नाम हिंदी मे ही लें| ध्यान रहे आपका संकेताक्षर ( पासवर्ड) अंग्रेजी मे ही रहेगा |
यहाँ आप हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा मे लिखने का चुनाव कर सकते है| एक लेख मे आप हिंदी तथा अंग्रेजी मे साथ साथ लिख सकते है| हिंदी मे लिखने के लिये मदद (की बोर्ड) दिया गया है जो अत्यंत सरल है| या ने जैसा अंग्रेजी मे लिख सकेंगे वैसा ही लिखे और आप हिंदी लिख पायेंगे|
अपना साहित्य प्रकाशित करना तथा अन्य प्रकाशित साहित्य पर अपना मत प्रकट करना यह एक अच्छा अनुभव होगा| यह एक सामुदायिक जालस्थल है जहां आप अपने लोगों से हिंदी मे बाते कर सकेंगे| हिंदी साहित्य तथा अन्य सम-समान विचारों के लोगों से मिलने का अनुभव भी खास रहेगा|
इस जाल स्थल की अन्य कई विशेषताएँ है जो कि समय समय पर सामने आयेगी| आप इस जाल स्थल से जुड़ जायें तथा अपना सहयोग दें यह विनती है| आपसे एक और विनती है की आप यह संदेश अपने हर परिचित तक पहुंचाने मे हमारी मदद करें| अपने स्नेही तथा परिवारजनों तक यह जाल स्थल पहूंचाये|
इतने दिन कहाँ छिपे हुए ठे भाई ? हिंदी की अच्छी रच्नाओं का शानदार भंडार है यह तो .
जानते हैं मेरे एक मित्र पिछले ३५ सालो से एक कविता ढूंढ रहे थे ,मैं आपके ब्लॉग पर आ गई और तुरंत ढूंढ कर दे दी ‘ चाँद का झिंगोला’ .
जियो
आज इंटरनेट पर हिंदी मे साहित्य निर्मिती हो रही है, यह बड़ी उत्साहजनक बात है| लोग अपने विचार समाज के समक्ष अपनी भाषा मे रख रहे है| हिंदी मे लिखना और वह प्रकाशित करना आज भी उतना सहज नही है लेकिन लोगों का उत्साह कायम है| आज इंटरनेट पर अच्छा हिंदी साहित्य निर्माण हो रहा है| हिंदी विकीपीडीया तथा अन्य सैकडों चिठ्ठे (ब्लॉग) इस बात का प्रमाण देंगे की हिंदी भाषी लोग अपनी भाषा के प्रति इंटरनेट पर भी सजग हो रहे है| लेकिन हमारी संख्या और हमारे प्रगल्भ साहित्य को देख कर यह प्रतीत होता है की यह प्रयास आज भी पर्याप्त नही है|
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मैं आपका नाम याद नहीं कर पा रही हूँ पर इतना याद है मेरे बचपन की यादों में कही न कही आप भी कैद हो…आपको हम बच्चे एक खास नाम से पुकारते थे जो मैं यहाँ नहीं कहना चाहूंगी…
मेरा नाम तो आपको पता चल ही गया होगा…उम्मीद करुँगी की आप मुझसे संपर्क ज़रूर करेंगे….आपके मेल का इंतज़ार रहेगा भैय्या….
Me bhagawan par vishavaas karata hu.aaj tak maine bahut koshish ki safal hone ke liye.ab me haar chuka hu.ye meri aakhari koshish thi ab bhagawan kya meri sunega.
Muzhe aapki yaad Aa rhi hai bhagwan, kaha ho Aap…. Duniya me aisa koi bhi nhi jise yaad karke jiske paas me bahut bahut bahut rou. Aa jao bhagwan ab Toh. Kab aaoge, ? Aaj aaoge kal aaoge, kabhi na kabhi toh aaoge bhagwan aap asia soch kar bahut din kaat liye baghwan, ab Aa jao bhagwan… Plzzzzzz pzzzzzz Plzzzz Plzzzz bhagwan aa jao mere jivan me. Ab Toh Aa jao baghwan aur kab tak intajar karu bhagwan
हम भी आ गऐ जी।
Your most welcome!!!
इन्गित करने के लिए क्षमा.. लेकिन आपके चिठ्ठे के शीर्षक की वर्तनी में चूक लग रही है
मेरे हिसाब से इस प्रकार होनी चाहिए:
” यह भी खूब रही ”
खुब –>> खूब
नितिन जी, इन्गित करने के लिए धन्यवाद.
मैंने गलती को सुधार लिया है
You have indeed got a very good collection of Stories. Good Going. Keep it up.
प्रयासजी,
सिहाँसन बत्तिसी सिरीज काफी अच्छी लिखी है आपने. आपको साधुवाद.
इस सिरीज को इसी नाम से तरकश पर छापना चाहेंगे.
आपकी राय दें.
धन्यवाद
पंकज जी,
इस सिरीज को तरकश पर छापने से इसकी उपल्बधता बढेगी। यह उत्तम विचार है।
धन्यवाद
महोदय सादर प्रणाम,
आपको हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक नये जाल-स्थल (वेबसाइट) का परिचय हो इस हेतू यह पत्र भेजा जा रहा है|
आज इंटरनेट पर हिंदी मे साहित्य निर्मिती हो रही है, यह बड़ी उत्साहजनक बात है| लोग अपने विचार समाज के समक्ष अपनी भाषा मे रख रहे है| हिंदी मे लिखना और वह प्रकाशित करना आज भी उतना सहज नही है लेकिन लोगों का उत्साह कायम है| आज इंटरनेट पर अच्छा हिंदी साहित्य निर्माण हो रहा है| हिंदी विकीपीडीया तथा अन्य सैकडों चिठ्ठे (ब्लॉग) इस बात का प्रमाण देंगे की हिंदी भाषी लोग अपनी भाषा के प्रति इंटरनेट पर भी सजग हो रहे है| लेकिन हमारी संख्या और हमारे प्रगल्भ साहित्य को देख कर यह प्रतीत होता है की यह प्रयास आज भी पर्याप्त नही है|
आज हिंदी को इंटरनेट पर बढावा देने के लिये एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है| सभी मिलकर हिंदी को साथ ले जायेंगे| इस विचार से हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करे तथा जहां सामाजिक चर्चा मंच हो जो सरल और उपयोगी हो| ऐसा कुछ करने की चाह मन मे लेकर एक जाल स्थल की निर्मिती की गयी है| आगे उस जाल स्थल का संक्षिप्त परिचय कराने की कोशिश कर रहे है|
इस जगह (वेबसाइट) पर आप हिंदी में अत्यंत सरलता से लिख सकते है| अपना साहित्य, काव्य प्रकाशित कर सकते है तथा किसी भी सामाजिक विषय पर चर्चा शुरु कर सकते है|
यहां आने पर आपको सर्वप्रथम पंजियन कर अपना सदस्य नाम लेना है| यह नाम आप हिंदी मे ले सकते है और हमारा आग्रह है की आप नाम हिंदी मे ही लें| ध्यान रहे आपका संकेताक्षर ( पासवर्ड) अंग्रेजी मे ही रहेगा |
यहाँ आप हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा मे लिखने का चुनाव कर सकते है| एक लेख मे आप हिंदी तथा अंग्रेजी मे साथ साथ लिख सकते है| हिंदी मे लिखने के लिये मदद (की बोर्ड) दिया गया है जो अत्यंत सरल है| या ने जैसा अंग्रेजी मे लिख सकेंगे वैसा ही लिखे और आप हिंदी लिख पायेंगे|
अपना साहित्य प्रकाशित करना तथा अन्य प्रकाशित साहित्य पर अपना मत प्रकट करना यह एक अच्छा अनुभव होगा| यह एक सामुदायिक जालस्थल है जहां आप अपने लोगों से हिंदी मे बाते कर सकेंगे| हिंदी साहित्य तथा अन्य सम-समान विचारों के लोगों से मिलने का अनुभव भी खास रहेगा|
इस जाल स्थल की अन्य कई विशेषताएँ है जो कि समय समय पर सामने आयेगी| आप इस जाल स्थल से जुड़ जायें तथा अपना सहयोग दें यह विनती है| आपसे एक और विनती है की आप यह संदेश अपने हर परिचित तक पहुंचाने मे हमारी मदद करें| अपने स्नेही तथा परिवारजनों तक यह जाल स्थल पहूंचाये|
जाल स्थल का पता – http://www.hindibhashi.com
आपका
संपादन मंडल ,
हिंदीभाषी . कॉम
i love you and your all teem mamber
hiiiiiiiiiiiiiii
i am miley
how r u
wats up!!!!!!!!!!
great effort
Thanks Ankit
Great,
I think you have yery good collection. keep it up.
aapki kahaniyan bahut achchi lagi.
prayas के बदले pryas क्यों? कोई खास वजह हो तो जानना चाहता हूं.
इतने दिन कहाँ छिपे हुए ठे भाई ? हिंदी की अच्छी रच्नाओं का शानदार भंडार है यह तो .
जानते हैं मेरे एक मित्र पिछले ३५ सालो से एक कविता ढूंढ रहे थे ,मैं आपके ब्लॉग पर आ गई और तुरंत ढूंढ कर दे दी ‘ चाँद का झिंगोला’ .
जियो
आज इंटरनेट पर हिंदी मे साहित्य निर्मिती हो रही है, यह बड़ी उत्साहजनक बात है| लोग अपने विचार समाज के समक्ष अपनी भाषा मे रख रहे है| हिंदी मे लिखना और वह प्रकाशित करना आज भी उतना सहज नही है लेकिन लोगों का उत्साह कायम है| आज इंटरनेट पर अच्छा हिंदी साहित्य निर्माण हो रहा है| हिंदी विकीपीडीया तथा अन्य सैकडों चिठ्ठे (ब्लॉग) इस बात का प्रमाण देंगे की हिंदी भाषी लोग अपनी भाषा के प्रति इंटरनेट पर भी सजग हो रहे है| लेकिन हमारी संख्या और हमारे प्रगल्भ साहित्य को देख कर यह प्रतीत होता है की यह प्रयास आज भी पर्याप्त नही है|
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मैं आपका नाम याद नहीं कर पा रही हूँ पर इतना याद है मेरे बचपन की यादों में कही न कही आप भी कैद हो…आपको हम बच्चे एक खास नाम से पुकारते थे जो मैं यहाँ नहीं कहना चाहूंगी…
मेरा नाम तो आपको पता चल ही गया होगा…उम्मीद करुँगी की आप मुझसे संपर्क ज़रूर करेंगे….आपके मेल का इंतज़ार रहेगा भैय्या….
Mujhe bhi kafi accha lga.
I like this wabsite
जो इंसान खुद से प्रेम नहीँ करता वह दूसरोँ से प्रेम नहीँ कर सकता
purani kahani padne me bahut maza aata aur kahaniya beje
प्रयास जी ,
वाकई में बहुत अच्छा प्रयास है ………
साधुवाद
डॉ नीरज
http://achhibatein.blogspot.in/
good prayas
ap ka nam kya hah
जो अपने ऊपर विशवास नहि वो दूसरो कैसे करेगा!!!
सत्य हि सागर है सत्य हि संसार ! सत्य हि अविनाशि है!! सत्य हि शिव है!!! शिव हि सून्दर है!
राम किसी को मारे नहि नहि हत्यारो राम! आपो आप मर जावसि कर 2 खोटे काम!!
sinhasan battisi padkar bahut accha laga bachpan me chanda mama magzine me ye kahaniya padhi thi thanks
hum bi aa hi gye
Your most welcome!!!
mai ajay kumar mai bhin aa gya hu
mai rohit singh mujhe bhi bahut achha lga
Yek sahil tha Mumbai mai rahta tha yek din yek ahmadkhan yaya sahil bahut gusa ho gaya
nice
Waah kya mazedar wa siksha pard khani hai aapki
Merit maa ne apni sampti mere phtije Ke name ..will kar di.an mujhe keys karna chahiye
I like story
Very nice
Me bhagawan par vishavaas karata hu.aaj tak maine bahut koshish ki safal hone ke liye.ab me haar chuka hu.ye meri aakhari koshish thi ab bhagawan kya meri sunega.
love u parampita parmeswar ki bete
Muzhe aapki yaad Aa rhi hai bhagwan, kaha ho Aap…. Duniya me aisa koi bhi nhi jise yaad karke jiske paas me bahut bahut bahut rou. Aa jao bhagwan ab Toh. Kab aaoge, ? Aaj aaoge kal aaoge, kabhi na kabhi toh aaoge bhagwan aap asia soch kar bahut din kaat liye baghwan, ab Aa jao bhagwan… Plzzzzzz pzzzzzz Plzzzz Plzzzz bhagwan aa jao mere jivan me. Ab Toh Aa jao baghwan aur kab tak intajar karu bhagwan
बहुत अच्छा संग्रह है