कल बताऊँगा, अभी एक नई पोस्ट लिख रहा हूँ!

43 विचार “{ कुछ मेरे बारे में }&rdquo पर;

  1. इन्गित करने के लिए क्षमा.. लेकिन आपके चिठ्ठे के शीर्षक की वर्तनी में चूक लग रही है
    मेरे हिसाब से इस प्रकार होनी चाहिए:

    ” यह भी खूब रही ”
    खुब –>> खूब

  2. प्रयासजी,

    सिहाँसन बत्तिसी सिरीज काफी अच्छी लिखी है आपने. आपको साधुवाद.

    इस सिरीज को इसी नाम से तरकश पर छापना चाहेंगे.

    आपकी राय दें.

    धन्यवाद

  3. महोदय सादर प्रणाम,

    आपको हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित एक नये जाल-स्थल (वेबसाइट) का परिचय हो इस हेतू यह पत्र भेजा जा रहा है|

    आज इंटरनेट पर हिंदी मे साहित्य निर्मिती हो रही है, यह बड़ी उत्साहजनक बात है| लोग अपने विचार समाज के समक्ष अपनी भाषा मे रख रहे है| हिंदी मे लिखना और वह प्रकाशित करना आज भी उतना सहज नही है लेकिन लोगों का उत्साह कायम है| आज इंटरनेट पर अच्छा हिंदी साहित्य निर्माण हो रहा है| हिंदी विकीपीडीया तथा अन्य सैकडों चिठ्ठे (ब्लॉग) इस बात का प्रमाण देंगे की हिंदी भाषी लोग अपनी भाषा के प्रति इंटरनेट पर भी सजग हो रहे है| लेकिन हमारी संख्या और हमारे प्रगल्भ साहित्य को देख कर यह प्रतीत होता है की यह प्रयास आज भी पर्याप्त नही है|

    आज हिंदी को इंटरनेट पर बढावा देने के लिये एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है| सभी मिलकर हिंदी को साथ ले जायेंगे| इस विचार से हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करे तथा जहां सामाजिक चर्चा मंच हो जो सरल और उपयोगी हो| ऐसा कुछ करने की चाह मन मे लेकर एक जाल स्थल की निर्मिती की गयी है| आगे उस जाल स्थल का संक्षिप्त परिचय कराने की कोशिश कर रहे है|

    इस जगह (वेबसाइट) पर आप हिंदी में अत्यंत सरलता से लिख सकते है| अपना साहित्य, काव्य प्रकाशित कर सकते है तथा किसी भी सामाजिक विषय पर चर्चा शुरु कर सकते है|
    यहां आने पर आपको सर्वप्रथम पंजियन कर अपना सदस्य नाम लेना है| यह नाम आप हिंदी मे ले सकते है और हमारा आग्रह है की आप नाम हिंदी मे ही लें| ध्यान रहे आपका संकेताक्षर ( पासवर्ड) अंग्रेजी मे ही रहेगा |

    यहाँ आप हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा मे लिखने का चुनाव कर सकते है| एक लेख मे आप हिंदी तथा अंग्रेजी मे साथ साथ लिख सकते है| हिंदी मे लिखने के लिये मदद (की बोर्ड) दिया गया है जो अत्यंत सरल है| या ने जैसा अंग्रेजी मे लिख सकेंगे वैसा ही लिखे और आप हिंदी लिख पायेंगे|

    अपना साहित्य प्रकाशित करना तथा अन्य प्रकाशित साहित्य पर अपना मत प्रकट करना यह एक अच्छा अनुभव होगा| यह एक सामुदायिक जालस्थल है जहां आप अपने लोगों से हिंदी मे बाते कर सकेंगे| हिंदी साहित्य तथा अन्य सम-समान विचारों के लोगों से मिलने का अनुभव भी खास रहेगा|

    इस जाल स्थल की अन्य कई विशेषताएँ है जो कि समय समय पर सामने आयेगी| आप इस जाल स्थल से जुड़ जायें तथा अपना सहयोग दें यह विनती है| आपसे एक और विनती है की आप यह संदेश अपने हर परिचित तक पहुंचाने मे हमारी मदद करें| अपने स्नेही तथा परिवारजनों तक यह जाल स्थल पहूंचाये|

    जाल स्थल का पता – http://www.hindibhashi.com

    आपका
    संपादन मंडल ,
    हिंदीभाषी . कॉम

  4. इतने दिन कहाँ छिपे हुए ठे भाई ? हिंदी की अच्छी रच्नाओं का शानदार भंडार है यह तो .
    जानते हैं मेरे एक मित्र पिछले ३५ सालो से एक कविता ढूंढ रहे थे ,मैं आपके ब्लॉग पर आ गई और तुरंत ढूंढ कर दे दी ‘ चाँद का झिंगोला’ .
    जियो

  5. आज इंटरनेट पर हिंदी मे साहित्य निर्मिती हो रही है, यह बड़ी उत्साहजनक बात है| लोग अपने विचार समाज के समक्ष अपनी भाषा मे रख रहे है| हिंदी मे लिखना और वह प्रकाशित करना आज भी उतना सहज नही है लेकिन लोगों का उत्साह कायम है| आज इंटरनेट पर अच्छा हिंदी साहित्य निर्माण हो रहा है| हिंदी विकीपीडीया तथा अन्य सैकडों चिठ्ठे (ब्लॉग) इस बात का प्रमाण देंगे की हिंदी भाषी लोग अपनी भाषा के प्रति इंटरनेट पर भी सजग हो रहे है| लेकिन हमारी संख्या और हमारे प्रगल्भ साहित्य को देख कर यह प्रतीत होता है की यह प्रयास आज भी पर्याप्त नही है|
    +1

  6. मैं आपका नाम याद नहीं कर पा रही हूँ पर इतना याद है मेरे बचपन की यादों में कही न कही आप भी कैद हो…आपको हम बच्चे एक खास नाम से पुकारते थे जो मैं यहाँ नहीं कहना चाहूंगी…
    मेरा नाम तो आपको पता चल ही गया होगा…उम्मीद करुँगी की आप मुझसे संपर्क ज़रूर करेंगे….आपके मेल का इंतज़ार रहेगा भैय्या….

  7. Muzhe aapki yaad Aa rhi hai bhagwan, kaha ho Aap…. Duniya me aisa koi bhi nhi jise yaad karke jiske paas me bahut bahut bahut rou. Aa jao bhagwan ab Toh. Kab aaoge, ? Aaj aaoge kal aaoge, kabhi na kabhi toh aaoge bhagwan aap asia soch kar bahut din kaat liye baghwan, ab Aa jao bhagwan… Plzzzzzz pzzzzzz Plzzzz Plzzzz bhagwan aa jao mere jivan me. Ab Toh Aa jao baghwan aur kab tak intajar karu bhagwan

एक उत्तर दें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s