कल “मैं अन्ना हजारे” का नारा कुछ ही घंटों मे टीवी और अखबारों से होता हुआ आनलाईन कम्युनिटी द्वारा विदेशों तक पहुँचा उसके कुछ आंकडे.

आवाज:
आवाज, एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन समुदाय है, जिसके करीब 7.5 लाख से अधिक सदस्य हैं. आवाज ने अन्ना हजारे के समर्थन में आवाज उठाई और एक अभियान “Free Anna and Free India of Corruption” किया है. इस अभियान के समर्थन में अब तक करीब 72,000 लोगों ने हस्ताक्षर किये हैं. करीब 33,000 लोगों ने अभियान शुरू होने के ढाई घंटे में ही इस पर हस्ताक्षर कर दिये थे.

फेसबुक:
India Against Corruption (भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत) एक फेसबुक पेज है जिसे करीब 1,60,000 लोगों ने पसंद किया है.

मेरा नेता चोर है
यह फेसबुक पर एक और संस्करण है. करीब 3000 लोग इस पेज से जुडे हैं.

वाच वीडियो:
अन्ना और अन्ना से संबंधित वीडियो और क्लिप्स को यू ट्यूब पर अब तक करीब 1 लाख लोग देख चुके हैं.

ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान:
thepetitionsite.com वैबसाईट पर एक ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से अन्ना हजारे का समर्थन करने व भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये करीब 7226 हस्ताक्षर पहुँच चुके हैं. इसका लक्ष्य 10,000 लोगों को जोडना है.

बल्क एस. एम. एस पर बैन:
देश भर में बहुत सी दूरसंचार कंपनीयों ने बल्क एस. एम. एस पर बैन लगा दिया है. हालांकि सरकार की तरफ से इस पर कोई पाबंदी नहीं है.

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53 विचार “अन्ना हजारे ऑनलाइन&rdquo पर;

  1. 19 अगस्त 2011
    एक छोटी सी, पर बहुत बड़ी बात……
    आज क्या कई दिनों से आफिस में काम करने का माहौल बन ही नहीं पा रहा है। जिसे देखो केवल अन्ना की ही बात कर रहा है। इंटरनेट पर भी टी.वी लाईव में पल पल की खबरें देखी जा रही हैं।

    आज दोपहर के 1 बजे थे। हम सब खाना खाकर हटे ही थे कि सड़्क से आवाजे आने लगी, उत्सुकतावश हम भी कोपरनिकस मार्ग पर आ गये। सुना था कि अन्ना राजघाट से इंडिया गेट आएंगे। बस हम भी चल दिये इंडिया गेट की ओर। मंडी हाउस से पैदल मार्च करते हुए इंडिया गेट पहुँच ही थे कि झमाझम बारिश होने लगी। सभी लोग पेडों के नीचे शरण लेने लगे। हम भी वहीं खडे हो गये। 10 – 15 लडके युवा लडके भी खडे थे। वही पर एक पुलिस का बेरिकेट गिरा पडा था। बारिश से बचने के लिये लोगो की संख्या बढ्ती जा रही थी। तभी एक लडका उस बेरिकेट पर चढ़ गया, पर ये क्या उसके साथी उसके पीछे पड गये अबे ये क्या कर रहा है, ये सरकारी सम्पत्ति है। अगर ये टूट गया तो ? अन्ना ने कहा है कि हमें किसी सरकारी सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुँचाना हैं। बस क्या था जो भी उस बेरिकेट पर चढा था, सभी उतर गये।

    ये है अन्ना की फौज !!! ये वही जवान हैं अपनी जवानी के जोश में नाक में दम कर देते हैं, कालेज में हड़ताल हो तो बसे जला डालते हैं, यहाँ अन्ना तो उन लडकों को नहीं देख रहे थे । पर मजाल है कि कोई भी लडका कुछ शैतानी करता दिखाई दे। इसे क्या कहेंगे आप, जरा सोचिये?

  2. अब अन्ना मात्र एक व्यक्तित्व नहीं रहे है ,आज “अन्ना” एक सोच बन चुकी है जो कि भ्रष्टाचार कि खिलाफत करती है … मैं इस सोच का समर्थन करता हूँ … जय भारत

  3. अन्‍ना मुझे लगता है कि भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिये सबसे पहले आपकों चुनाव लडना चाहिये और चुनाव जीतने के बाद आपको वो सभी कार्य करने का अधिकार आ जायेगा जो अभी आप मांग रहे है तब आपको सरकार बन खुद फैसला करना होगा और उस वक्‍त शायद आपकी वो सभी मांगों को माना जायेगा जो जायज है आप महान है अन्‍ना और अपनी महानता का परिचय आपको 2013 में जरुर देना होगा आपके लोग आपको या आप खुद चुनाव को नही मानते होंगे लेकिन मेरे ख्‍याल से किसी से कुछ मांगने का समय खत्‍म हो गया है अब आपको खुद अपनी पार्टी बनाना होगा और चुना लडना होगा और जीत कर अपनी पार्टी का बहुमत लाकर वो सब करना होगा जो देश के लिये जरुरी है इसमें समय लगेगा लेकिन एक वास्‍तविक और संपूर्ण विकास होने की परम्‍परा का निर्माण्‍ा होगा जो भविष्‍य तक आपको और आपके विचारों को सुरक्षित रखेगा.

  4. मतलब कि…वर्तमान के हालात को देखते हुए…लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की अपर्याप्तता…इनसे परे निकलने की… अधिक उचित विकल्प तलाशने की आवश्यकता वैश्विक रूप से महसूस की जाने लगी है…बेहतर…

  5. हर बार सत्य की आवाज को दबाया जाता है लेकिन अब ये आवाज नही दबने वाली ये अब अन्ना की आवाज नही बल्कि पूरे देश की जनता की आवाज है
    हमारे देश कि युवा शक्ति की ललकार अब देश को आजाद कराएगी

  6. Ab bas bahut ho gaya yah bat pura bharat jan gaya hai ki koun desh chala Raha hai karan 6 din tak manuji chup rahe Ab achanak har taraf aafra tafari mach gaie hai. HAM SATTA ME BAITHE LOGO KO YAH BATA DENA CHATE HAI KI AB BHARATWASHI JAG CHUKE HEI AB JAGO YA BHAGO.

  7. भारतीय युवा दुनिया कॆ किसी भी दॆश कॆ युवा सॆ कम नही है.जरुरत है सही मार्गदर्शन करनॆ की ,वह अन्ना जी नॆ अपनॆ आन्दॊलन मॆ उन्हॆ दिया .वास्तव मॆ यहा कॆ वातावरण कॊ जानबूझकर इस तरह प्रदूषित कर दिया गया है [जैसॆ फिल्मॊ,टीवी आदि कॆ माध्यम सॆ]कि युवा वर्ग अपनॆ सही मार्ग सॆ भटक जाय ताकि यह सरकार जनकल्याणकाऱी कार्यक्रमॊ सॆ अलग अपनी जनविरॊधी नितियॊ जैसॆ पॆट्ऱोल की मनमानी किमतॆ बड्हातॆ जाना,जमाखॊरॊ पर कॊइ कार्यवाही ना करना,शिक्षा माफियावॊ पर कॊइ कार्यवाही ना करना आदि आदि कार्य बॆशर्मी सॆ करती ऱहे_____निर्मल कुमार शर्मा

  8. आज सॆ अस्सी साल पहलॆ एक 23 वर्षीय नौजवान नॆ उस समय के आजादी की लडाई को बहुत ही गम्भीऱता सॆ अध्ययन किया और कहा कि इस दॆश सॆ अग्रॆज निश्चतरुप सॆ चलॆ जायॆगॆ परन्तु इससॆ इस दॆश कॆ मजदूऱो और किसानॊ की स्थिति मॆ कॊई खास‌ परिवर्तन नही होगा क्योकि तबभी कॆवल 10% लॊगॊ कॆ पास दॆश की सारी सम्पत्ति पर कब्जा रहॆगा शॆष जनता वैसी ही भूखी और गरीबी मे ही जीनॆ कॊ अभिषप्त हॊग |अब आज की हालात पर विचार करॆ आज इस दॆश की 800000000 जानता भूखॊ सॊनॆ पर मजबूऱ है अब तक 250000 किसान आत्महत्या कर चुकॆ है|इस दॆश कॆ पूजीपाति,नॆता, तस्करॊ और बडे अफसरॊ कॆ पास इतनी सम्पत्ति है जिनकॊ आप लिख नही सकतॆ ________आज उस 23 वर्षीय नौजवान की अस्सी वर्ष की गयी भविष्यवाणी कितनी सत्य साबित हॊ रही है_______ जानतॆ है वॊ नौजवान कौन था ? वॊ नौजवान थॆ युवा सम्राट,अमर शहीद् भगत सिह्

  9. अन्ना जी को रेल मे साधारण डिब्बे मे बैठकर यात्रा करना चाहिए.विशेषकर यूपी,बिहार,बंगाल,उडीसा और छत्तीसगढ होते हुए जाना चाहिए.वहा के गावो की गरीबी देखकर उन्हे सहज ही अनुमान हो जायेगा कि दिल्ली मे वातानुकूलित कमरे मे बैठकर नीति बनाने वालो को नही पता गावो की क्या गरीबी होती ह?

  10. अन्ना जी का आन्दॊलन बिल्कुल सही दिशा मॆ जा रहा है| 1947 कॆ बाद पिछलॆ 64 वर्षो सॆ यॆ सरकारॆ इस दॆश की गऱीब जनता कॆ लियॆ कॆवल भूखमऱी,बेऱोजगाऱी,भ्रष्टाचाऱ,आत्मह्त्या करनॆ कॊ विवस करनॆ कॆ अलावा ऒर क्या दिया है ? यॆ तथाकथित राजनॆता जॊ इस समाज कॆ सबसॆ निक्रिष्ट सॊच कॆ लॊग है,जिन्हॆ इस दॆश की जनता कॆ प्रति कॊई हमदद्री नही है| तभी तॊ यॆ तथाकथित राजनॆता अरबॊ रुपयॆ (दुनिया कॆ सारॆ दॆशॊ कॆ कुल कालॆधन सॆ ज्यादा) विदॆशॊ मॆ जमा कियॆ है| अब समय आ गया है कि इन कुकर्मियॊ कॊ अपनॆ कियॆ का फल मिलना ही चाहियॆ| इसकॆ लियॆ मै इस दॆश कॆ स्वाभिमानी और दॆशभक्त् युवा वर्ग सॆ आह्वान करता हू कि वॊ अन्ना जी के साथ आयॆ अमर शहीद् भगत सिह कॆ बलिदान‌ को व्यर्थ ना जानॆ दॆ (जॊ उस नौजवान नॆ सिर्फ् 23वर्ष,4माह् 26वे दिन) वन्दॆमातरम् को गातॆ हुयॆ इस दॆश कॆ लियॆ हसतॆ‍‍‍-हसतॆ फान्सी के फन्दॆ पर झूल गयॆ|

    ‍‍‍‍‍‍‍‍निर्मल कुमार शर्मा (गाजियाबाद)

  11. Anna jee ka yah bayan ki ” sabhi rajnaitik dalon se achhe logon ko chun liya jaye aur beiman, bhrast, apradhi type ke logon ko chunav me hara diya jaye “bahut hi sarahniy bayan hai.Ab ees desh ke noujwano yah kartvy hai ki wo anna jee ke aandolan ko apne majboot eradon se unki muhim ko aage badayen . taki ees desh me koi bhookha na rahe , koi bachcha paise ke abhav me school jane se rah jaye,koi bhrastachri ees desh ki janta ka paisa loot kar videshon me jama na kar sake. bhrastachar ka ant ho Anna jee ka yah bayan ki ” sabhi rajnaitik dalon se achhe logon ko chun liya jaye aur beiman, bhrast, apradhi type ke logon ko chunav me hara diya jaye “bahut hi sarahniy bayan hai.Ab ees desh ke noujwano yah kartvy hai ki wo anna jee ke aandolan ko apne majboot eradon se unki muhim ko aage badayen . taki ees desh me koi bhookha na rahe , koi bachcha paise ke abhav me school jane se rah jaye,koi bhrastachri ees desh ki janta ka paisa loot kar videshon me jama na kar sake. bhrastachar ka ant ho

  12. ADWANI अपनॆ शुआडवाध्द राजनैतिक फायदॆ कॆ लियॆ रथयात्रा कर रहॆ है,उन्हॆ इस दॆश की गऱीब जनता सॆ कुछ लॆना दॆना नही है .अगर वॆ भ्र्ष्टाचाऱ के प्रति गम्भीऱ होतॆ तॊ अपनॆ शासन काल मे कदम क्यॊ नही ऊट्हाये ? वे अन्नारथ पर सवार हॊकर अपना राजनैतिक फसल काटना चाहतॆ है . वॆ पिछलॆ सात साल सॆ कहा थॆ ?

  13. दॆहली बम्ब बिस्फॊट् की जिम्मॆदाऱी कॆन्द्र् सरकार की है आखिर कब तक आम आदमी मरतॆ रहॆगॆ?यॆ नॆता अपनॆ लियॆ करॊडो रुपयॆ खर्च् अपनी सुरक्षा पऱ् कर् ऱहे है अगर सी. सी. टीवी कॆमरा लग गया हॊता इतनी बहुमूळ्य जानॆ नही जाती क्या ये सरकार आगॆ ऎसा ना हॊ इसकॆ लियॆ पूऱे दॆश कॊ एक सन्दॆश दॆगी ?वह् उस व्यक्ति कॊ कडा सॆ कडा द्न्ण्ड् दॆ जॊ इसकॆ लियॆ जिम्मॆदार हॆ

    ANNA JEE KA SAATH EES DESH KE YUVA LOGON KO KHUL KAR KARNA CHAHIYE .AB WAQT AA GAYA HAI KI EES DESH KE YUVA ESS DESH SE BHARTACHAR KE KHATME KE LIYE TAN ,MAN SE ANNA JEE KA SATH DE

  14. ऐसा तॊ नही है कि यॆ जॊ बम बिस्फॊट जगह जगह् और हर हफ्तॆ हॊ रहॆ है यॆ प्रायॊजित हॊ ताकि महङ्गाई, गऱीबी,बेऱोजगाऱी,भ्र्ष्टाचाऱ,भूखमरी आदि सॆ जनता का ध्यान हटानॆ कॆ लियॆ उसका रुख दूसरी तरफ मॊड् दिया जाय क्यॊकि राजनिति मॆ सब कुछ जायज है |

  15. आरती लिए तू किसे ढूढता है मुरख ,

    मंदिरों , राजप्रासादों में , तहखानों में ,

    देवता कहीं सडकों पर मिटटी तोड़ रहे ,

    देवता मिलेंगे खेतों में , खलिहानों में

    — रामधरी सिंह दिनकर

    क्रांति की वेदी पर हम अपने यौवन को पूजा सामग्री के रूप मेंअर्पित कर रहे हैं ,क्योंकि ऐसेमहान आदर्श [देश को स्वतन्त्र कराने केलिए ] कोई भी क़ुरबानी बड़ी नहीं है __अमर शहीदभगत [सिंहफांसी की सजा सुनाये जाने से पूर्व दिया गया बयान ]

    उक्त कथन भगत सिंह ने विशेषकर देश के नौजवानों को संबोधित करके कहा था उन्होंनेआगे कहा था ,कि संसार की क्रांतियों और परिवर्तनों के वर्णन छांट डालो , उनमे केवल ऐसे युवकही मिलेंगे ,जिन्हें बुध्हिमानों ने “पागल छोकरे “अथवा ” पथ -भ्रष्ट “कहा है .परन्तु जो सिड़ी हैं , वे क्या खाक समझेंगे कि स्वदेशाभिमान क्या होता है ?

    आज अन्नाजी ने युवकों का आवाहन बहुत सोच समझ कर किया है . इस देश के युवक हीइस देश के कण कण में व्याप्त भ्रस्टाचार को मिटायेंगे . अब देशभक्त , इमानदार ,कर्मठ ,सचरित्र, युवा आगे आयें और अन्नाजी ने जो मशाल जलाया है ,उसे अपने मजबूत हाथों में लेकर उनकेइस कार्य को पूर्ण करें इसी में उनकी यौवन की सार्थकता है

  16. “क्रांति बम और पिस्तौल का सम्प्रदाय नहीं है .क्रांति से हमारा अभिप्राय है -अन्याय पर आधारित समाज -व्यवस्था में आमूल परिवर्तन “—भगत सिंह का ६ जून १९२९ को अदालत में दिया गया बयान
    साभार -क्रन्तिकारी भगत सिंह लेखक श्री सुरेश , दिल्ली , १९७१, पृष्ठ ९१-९२
    आज वही सामाजिक क्रांति की जरुरत है .स्वतंत्रता के ६४ वर्षों के बाद भी इस देश की ७७% जनता की जिंदगी नरक बनी हुयी है जबकि किसानों से गेहूं खरीद कर उसे खुले में रख कर सडाकर जमीन में गाड दिया जाता है [ व्यवस्था का एक नमूना ] .
    इस शोषण को समाप्त करना है .यह इस देश के प्रबुद्ध युवकों को करना होगा .इस पावन कार्य के लिए युवा आगे आयें .
    इसके लिए इस तथाकथित लोकतान्त्रिक प्रणाली में सुधार की बहुत जरुरत है .चुनाव में उन भ्रष्ट , लालची ,अपराधी , माफिया ,तस्करों ,देशद्रोहियों ,असम्बेदंशील ,और गुंडे तत्वों को हरा कर ,उन नए युवा लोगों को चुनाव में जीताना होगा जो वास्तव में इस देश में खुशहाली और समानता लाना चाहते हैं .
    लोकतान्त्रिक प्रणाली में पुराने राजनैतिक दलों की कोई आवश्यकता नहीं है .नए युवा लोग जो स्वयं सच्चरित्र , इमानदार ,देशभक्त , कर्मठ , विचारशील ,प्रगतिशील हों निर्दलीय के रूप में चुनाव में खड़े हों ; जैसाकि अन्नाजी ने कहा है .इन नए युवा लोगों को जनता खुल कर समर्थन करे .अपराधी और माफियाओं के लोभ – लालच में जनता न आये .
    यह कार्य इतना आसान नहीं है . इसके लिए इस देश के युवा लोगों को [ चाहे वे कालेज के हों ,मेडिकल कालेज के हों ,इंजीनियरिंग कालेज के हों या यूनिवर्सिटी के हों ] जनसंपर्क करके गाँव -गाँव ,मोहल्ले -मोहल्ले , हर जगह जाकर जनता को जागरूक करना होगा , तभी यह मिशन सफल होगा और भगत सिंह का बलिदान सार्थक होगा —

  17. शहीदे आजम भगत सिंह !!!!!!!!! एक ऐसा नाम जिसे सुनकर हर उस भारतीय का सर गर्व से तन जाता है जिसके मन में इस देश के लिए और इस देश के उन अमर शहीदों के लिए जरा भी सम्मान है .अब आपको हम एक ऐतिहासिक घटना के तरफ ले चलते हैं ,जिन दिनों अंग्रेज भगत सिंह पर फर्जी मुक़दमा चला रहे थे तब उन्हें भगत सिंह के खिलाफ दो गवाह चाहिए थे .इतिहास गवाह है बहुत प्रयत्न के बाद भी अंग्रेजों को इसमें बहुत दिनों तक सफलता नहीं मिली .बहुत प्रयत्नों के बाद उन्हें दो गवाह मिले [१]सर शोभा सिंह [२] सर शादी लाल .इन दोनों खलनायकों के गवाही के उपरांत भारत के उस लाल को अंग्रेजों ने फंसी पर लटका दिया .

    अब आपको वर्तमान भारत में लिए चलते हैं श्री खुशवंत सिंह अंग्रेजी के प्रसिध्ह स्तंभकार हैं क्या आपको पता है श्री खुशवंत सिंह जी उन्ही सर शोभा सिंह के सुयोग्य और यशस्वी पुत्र हैं .हमारे स्वच्छ छवि वाले प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी श्री खुशवंत सिंह जी के अच्छे मित्र हैं .अभी पिछले दिनों अखबारों में एक चौकाने वाला समाचार आया कि हमारे प्रधानमंत्री जी अपने मित्र श्री खुशवत सिंह से ये वादा किया कि वे दिल्ली में स्थित विंडसर प्लेस का नाम जल्द ही उनके यशस्वी पिता के नाम पर सर शोभा सिंह प्लेस कर देंगे .

    अब प्रश्न ये उठता है कि क्या हमारे प्रधान मंत्री श्री मनमोंहन सिंह जी का ज्ञान इतना कम है कि वे श्री खुशवंत सिंह किसके सुपुत्र हैं ये नहीं जानते ? और उनके पिता श्री का इतिहास में क्या स्थान है ये नहीं जानते ? या वे भगत सिंह से अपरिचित हैं ?. अगर ऐसा हैं तो उनकी बुद्धि पर पूरे देश को तरस आती है .अगर नहीं तो ये सरेआम भगत सिंह जैसे अमर शहीदों का अपमान है ,इसे आप क्या कहेंगे ? इसका निर्णय आप स्वयं करें .

    इतिहास गवाह है कि जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया उन्हें नेपथ्य में धकेल दिया गया .इस देश की सत्ता उनको सौंप दी गयी जो अंग्रेजों के चाटुकार थे .क्रांतिकारियों और देश के अन्य देशभक्तों के प्रति गाँधी जी के विचार का एक नमूना आपको देना चाहता हूँ “कांग्रेसी नेता और गाँधी जी के शिष्य पट्टाभि सीतारमैया ने लिखा है ,कि महात्मा गाँधी ने खुद वायसरॉय से अपील कि थी कि अगर इन नौजवानों [भगत सिंह आदि ] को फांसी देनी ही है ,तो उन्हें कांग्रेस के करांची अधिवेशन के बाद नहीं बल्कि पहले ही फांसी दे देनी चाहिए “___हिस्ट्री ऑफ़ डी इंडियन नेशनल कांग्रेस ,खंड १,बाम्बे १९४६ ,पृष्ठ ४४२ .और भगत सिंह को २३ मार्च १९३१ को फांसी दे दी गयी .

    भगत सिंह चाहते थे कि देश की स्वतत्रता के बाद सभी लोग खुशहाल रहें शोषणमुक्त समाज का निर्माण हो परन्तु हुआ उसके ठीक उल्टा ६४ साल बाद शोषण और बढ़ गया .

    भगत सिंह ने लिखा है “ऐ भारतीय युवक !!!तू क्यों गफलत में सोया है उठ !आँखें खोल , देख ,प्राची दिशा का ललाट सिन्दूर _रंजित हो उठा ! अब अधिक मत सो ! सोना हो तो अनंत निद्रा की गोद में जाकर सो रह !कापुरुषता के क्रोड़ में क्यों सोता हैं ?

    तेरी माता ,तेरी परत: स्मरणीय ,तेरी परम वंदनीया ,तेरी जगदम्बा ,तेरी अन्नपूर्णा ,तेरी त्रिशूलधारिणी , तेरी सिंह वाहिनी , आज फूट फूट कर रो रही है धिक्कार है तेरी निर्जिविता पर !! धिक्कार है तेरी नापुन्सत्व पर !! तो उठ कर माता के दूध की लाज रख ,उसके उध्हार की बीड़ा उठा , बोल मुक्त कंठ से भारत माता की जय , बंदेमातरम

  18. अभी पिछलॆ दिनॊ की एक रिपॊर्ट् के अनुसार निम्नलिखित कॆन्द्रीय मन्त्रियॊ की सम्पत्ति निम्न है‍‍

    S. No.

    NAME

    2009

    2011

    1

    श्री चिद‌म्बरम

    1.04 करॊड

    11 कऱोड्

    2

    श्रीमाति पानाबाका लक्ष्मि

    1.00 करॊड्

    16 कऱोड्

    3

    श्री एस.जगथाराक्षाकान

    5.90 करॊड्

    64.50 कऱोड्

    उक्त रिपॊर्ट के अनुसार इन कॆन्द्रीय मन्त्रियॊ की प्रतिदिन की आय क्रमश्:

    1. 136986 रुपयॆ
    2. 205479 रुपयॆ
    3. 802739 रुपयॆ

    क्या इस दॆश कॆ लॊगॊ कॊ यह पूछनॆ का अधिकार है कि यॆ मन्त्री आखिर कौन सा व्यापार करतॆ है जिसमॆ इतना फायदा हॊता है|अगर यॆ भ्रष्ट तरीके सॆ पैसा जमा किया गया है तॊ इन्हॆ कडा सॆ कडा दण्ड् दॆना चाहियॆ और इनकी सम्पत्ति जप्त किया जाय |

  19. राहूल गांधी कांग्रेस महा सचिव जय हिन्द यादव मैं आप से कुछ पत्र व्यवहार करना चाहता हूँ ।
    आज पूरी हिन्दूस्तानी महकमा अपना ईमान बेच दिया है भला ऎसे में अब भरोसा किसपे करोगे ।
    आम नागरिक से लेकर मन्त्री तक नेता से लेकर अभिनेता तक सरकारी से लेकर गैर सरकारी तक घुश ले रहा है । १००% सत्य और अपनी आखों के सामने पिछले १५ सालो से देख रहा हूँ ।आज जब कोई नेता भाषण देने आता हैं उस जनता को पैसा देकर ५००रु. तक बुलाया जाता है यह कैसा लोकतंन्त्र है । एक समय मैं आप के पिताजी राजीव गांधी जी को देखने गया था उस जमानें में नेता कैसा होता है जनता अपने आप चली आती थी लेकिन अब जमाने के वही लोग पैसा देकर नेताओ का स्वागत कराते हैं पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सोनियाँ जी आप की माता जी यहा का दौरा किया था,जो पब्लिक आई थी उन्हे भी पैसा देकर बुलाया गया था ईसके पहले भी राजनाथ सिंह जी दौरा किये थे खाने-पिने पिने का मतलब आपको बताने की जरुरत नहीं है लास्ट दौरा नितीन गडकरी जी का था ५००रु. तक भुगतान किया गया कहाँ है हमारे हिन्दूस्तान की मिडियाँ यहां मैं मिडियाँ के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहता हूँ लेकिन कहीं न कहीं मिडियाँ के उपर तीन कमजोरियाँ अवश्य़ हावीं रहती हैं नगर पालिका चुनाव में एक वोट की कीमत १०ग्राम सोने की चैन से शुरु होती है अगूठीं,A/C फ़्रिज, टीवी,द्स हजार,सात हजार, ५हजार ,तीन हजार ,एक हजार ,५सौ के साथ एक साङी फ़्री ये है भारतिय लोकतन्त्र का स्वाभिमान मानव धर्म की पहचान हमारे हिन्दूस्तान का नागरिक उसकी मर्यादा आप को इसके बारे में कुछ कहना है मुझे खुशी इस बात की होती है कि आप की शोच अपने पिता जी से मिलती है लेकिन राहूल भईयाँ यह हकीकत है आप यु/पी की राजनिति के बारे जितना जानते हैं वह कम है मैं भी अपने २०/२५ सालो का जो अनुभव पाया है यदी मौका दे तो बिस्तार से चर्चा कर सकते हैं गांधी खानदान गरीबो के दिलो में बसता था लेकिन आज आप की पार्टी हर मोर्चे पर बिफ़ल हो रही है आप के जो राजनीतिक सलहकार हैं क्या वे आप की वाह -वाही करते है जब मंन्त्री अपने राजा की बिना किसी कारण के भी चापलूशी करने लगे फ़िर राजा को शतर्क हो जाना चाहिए

  20. विद्दा का मन्दीर सबसे पवित्र स्थान होता है लेकिन दुराचारी लोग हमेशा विश्वाश के साथ ही विश्वाश घात करते आये हैं मानव जहा अपनी आस्था रखता है उसी की आङ में न जाने क्या क्या होता रहता है ऎसे में अच्छी संस्थाओ को आगे आना चाहिए पर ऎसा होता नहीं क्यू ?आज हर इन्सान मानवता के फ़र्ज से दूर भाग रहा है मानव विद्दा क्यो ग्रहण करता है हमारा जो आज वर्तमान है वह भी कल भूत था और आज का वर्तमान किसी न किसी विद्दा मंन्दीर से शिक्षा ग्रहण किया था और आज हम जिसे भारत का भविश्य कहकर अपनी ज्ञान की देवी सरस्वती को विद्धार्थियो तक पहुचाते हैं क्या हमारा फ़र्ज वही पूरा हो जाता है ? यह तो सिर्फ़ व्यापारी सौदा हो गया जब तक यह शिक्षा प्रणाली सिर्फ पैसे के मकसद से चलती रहेगीं तब तक हमारे देश की हालत ऎसे बद्शे बदतर होती रहेंगी अध्यापक और विद्दार्थी का बिच का सम्बन्ध क्यू समाप्त होता गया ? क्या इसके उपर कभी शिक्षण संस्थाऎं अपनी संम्बेदनाएं व्यक्त करने की ईच्छा जाहिर की ?
    क्या ईस कलयुग में मानवता की डिग्री , इन्सानियत की डिग्री , भावनाओ की डिग्री , आदर.और सम्मान की डिग्री
    सिर्फ़ जुबानी शब्दों की रहेंगी ? स्कूल , और कालेजों का क्या फ़र्ज बनता हैं
    वाह रे ! पैसा क्या तूने कर दिया कमाल , आज पूरी दुनियाँ बेच रहा है अपना इमान फ़र्क सिर्फ़ ईतना हैं
    कोई बिक रहा है कौडि.यो में तो कोई करोङ के दाम उन महान पुरुषँ लोगो को अपने आँफ़िस के दिवारों में क्यो लगा कर रखते हैं आँफ़िस में स्वामी विवेकानन्द की फोटो महात्माँ गांधी की तस्बीर लटका देने से हमारी जिन्दगी की तकदीर नहीं बदली जा सकती है महात्माँ गांधी आज भी लाखों लोगो की पसन्द माने जाते है किस लिए ? सिर्फ कहने के लिए एक गांधी अकेले राम राज्य की कल्पना करता है मैं पूछता हूँ लाखो की पसन्द बापूँ आज भी है तो सब मिलकर क्यों नही राम राज्य लाते ? कहाँ गये गांधी के तीन बन्दर ? कोई है आज जो अपने गाल पर तमाचा खानें की तमन्ना रखता है ? हर कोई यही कहकर सराफ़त की नकाब पहनने की फिराक में रहता है कि वह एक नेक और शरीफ़ और ईज्जत दार आदमी बनता है आजादी के बाद कितने महापुरुष भारत में पैदा हुए ? है कोई लाल बहादुर शास्त्री ?कानून की आँखों पर पट्टी क्यू बाधी गयी मुझे नही पता लेकिन इन्सान अपनी आँखों पर अवश्य़ पट्टी बाध रखा है यदी कुछ दिखाई देता है तो सिर्फ़ हवश वह चाहे किसी चिज की हो आज मनुश्य़ जाती खो पुस्त्कीय ज्ञ‌।न की जरुरत से ज्यादा मानवता की ईन्सानियत प्यार और आदर सम्मान की जरुरत है जो सिर्फ़ दिखावटी चल रहा है क्या यही हमारा कल का भविश्य़ भारत की बागद

  21. जानी राजनीती शरीफ़ो का खेल नही है ईमानदारी दिखलाओंगे तो बीबी बच्चे भूखे मर जायेंगें !
    यहां जुर्म की हर सीमा पार करनी पङती है , एक ही चुनाव जीतकर करोङ पती बन जावोगें !
    ईमानदारी में क्या रखा है , यदी जुवान चलाओगे तो समझो जान से मारे जावोगें !
    अगर जनता के बीच में आने की हिम्मत की तो कीड नेप करा लिए जावोगें !
    यदी कलम चलावोगें तो रोड पर ऎक्सी डॆंट में मारे जावोगें !
    देश की जनता को क्या चाहिए , चुप-चाप बैठकर तमाशा देखना चाहिए !
    गांधी बापू का क्या हुआ , उन्होने हिन्दू मुस्लीम, सिक्ख इसाई आपस में भाई-भाई रहना चाहिए ! नारा दिया अपने ही देश के नेताओं को नागवारा हुआ नाथूराम बोङशे तो एक मोहरो का सहारा हुआ !
    लाल बहादुर शास्त्री जैसा सपूत आज की माँयें भी भारत भूमि को देने से घबराती हैं !
    शायद ईसी लिए उनकी मौत की गुत्थी आज भी दुनियाँ दबा कर रखी है !
    ऎसा अपने ही देश का नेता क्यो करता है , क्या यही देश की सच्ची भक्ती है !
    हजारो हाथियों का बल भीम अपनी भूजावों में रखता था !
    क्या हमारा शुभाष चन्द्र बोष महाभारत के भीम से कम था !
    छोङ वकालत विदेशों में जाकर सेना तैयार कर , अग्रेजों के खिलाफ़ जंग लङने को लाया था !
    थी धन्य उनकी माता जो ऎसा सपूत , हिन्दूस्तान की धरती को सौंपा था !
    चलो अच्छा हुआ अब ईस देश में ऎसे देश भक्त ना रहे ,उनकी पवित्र आत्माएँ भी अब शर्माती होगी !
    जब हमारे आज के नेता उन्हे रास्ट्रीय पर्वो पर फ़ूलो का हार चढाने जाती होगी !
    पन्द्रह अगस्त छब्बीस जनवरी , होली और दिवाली का त्योहार नहीं हैं यारो !
    तिरंगा झंन्डा फ़हरा देने से जज्बाती भाषण देकर देश की किस्मत को ना सराहो यारो !
    जब मार्त्र्र्र-भूमि जकङी थी गुलामी की जंजीरो में , उस समय भी बेईमानों की कमी नहीं थी अंग्रेजों का साथ निभाने में !
    जिन्हे हम आज बङी इज्जत से राजा महराजा पूजी पती जमीदार कहके बुलाते हैं !
    जरा पुछो उनके दादा परदादा कितनी बङी कुर्वानी दिया भारत मां को आजाद कराने में !
    जब भारत मां के अमर सपूत दे रहे थे , बलिदानी भारत मां को आजाद कराने में !
    तब छुप-छुप इनके दादा परदादा अपनी किस्मत बना रहे थे संम्पती हथियानें में !

    हमारी मिडियां तो सिर्फ़ मिर्च मशाला लगाने का काम करती है चैनल तो अपना है लेकिन चलता तो वह भी राशन पानी से ही है किसी बेश्या से कम नही होते है बडी -बडी मछलियां पकड्ने से घबराती इमानदारी न्युज चैनल चलाने से नहीं ,हमारी आत्मा से होती है जो अब ईस भारत में किसी के पास नहीं है एक बार मुझसे मिलें मैं बतांऊगा कि ईमानदारी क्या होती है एक सच्चा देश भक्त ईमानदारी क्या होती है बता सकता है चैनल चलाने वाले तो विजनेश करने बैःठे है उनके अन्दर ईमानदारी कैसे आ सकती है हिम्मत है तो हमारे लेखो को जनता तक पहुचाकर देखो क्यो हमारे लेख देखकर सब डर जा रहें हैं. मै कैसे समझूं कि मेरा मैसेज मिडियां तक पहुच रहा है क्यो नहीं आप सब मेरे बातो का जवाव देते है

  22. कर लो तुम सब अपने आप को ईतना बुँलन्द भारत की बेटियों !
    अब तुम्हारे सर पर बाँध कर निकला करो दुश्मन का कफ़न बेटियों !
    राह में मिल जाय अगर मनचला कोई ,उसे दिखला दो एक बार बनकर झाँसी की रानी !
    यदी लग जाय छोटी-मोटी चोटे तो कुछ गम नहीं , लेकिन लगने न देंना सीता-सावित्री के दामन में दाग कोई !
    ईज्जत को बचाने में जान भी गवानी पडे. मेरे भारत की बेटियों ! अब तुम्हारे सर पर बाँध कर निकला करो दुश्मन का कफ़न बेटियों !
    जिन्दा रहकर समाज के ताने सुनने पडे.गें , मगर जान देने की नौबत फ़िर आती नहीं !
    वह कोई जवानी जवानी नहीं जो सिर्फ़ ईश्क को लूटाती रहे !
    तुम सब हो पुरे हिन्दूस्तान की बहन-बेटियों !
    अब तुम्हारे सर पर बाँध कर निकला करो दुश्मन का कफ़न बेटियों !
    जब तुम सब राह से निकला करो , तो मनचलो से राह विरान हो !
    तुम सब ऎसा करिश्मा दिखाने के लिए , बनाते ही रहना नये काफ़ीले !
    कुछ अबलावों की जिन्दगी , मौत से मिल गयीं हैं गले !
    अब तुम्हारे सर पर बाँध कर निकला करो दुश्मन का कफ़न बेटियों !
    दिखला दो तुम बनकर दुर्गा काली , अब कोई मनचला बनने न पाए रावण कोई !
    तोड. दो वह हाथ जो तुम्हे छूने आए कोई !
    छू न पाए भारत की बेटियों का दामन कोई !
    कोई तो राम और कोई तो लझ्मण बनकर आओ भारत के भाई !
    अब तुम्हारे सर पर बाँध कर निकला करो दुश्मन का कफ़न बेटियों !
    जय हिन्द यादव की वाणी , अब सच करके दिखलाना मेरे भारत की बेटियों !

  23. जय हिन्द -जय हिन्द , जय हिन्द हमारा नाम है यारो !
    गांधी के पद चिन्हो पर चलना , मेरी शान है यारो !
    शुभाष चन्द्र बोष की बाणी , मेंरी रंग-रंग में दौड रही है यारो !
    अगर पडी. जरुरत भगत सिंह जैसे फाँसी को भी गले लगाऊँगा !
    पर अब होने न दूँगा अत्याचार ईस धरती पर , जनता के बीच तक अपनी लेखनी पहूचाऊँगा !
    आजाद चन्द्र शेखर की कुर्वानी वेकार नहीं जाने दूँगा !
    झांसी की रानी हिन्दूस्तान की नारी थी, अंग्रेजो को धूल चटाया यारो !
    कल्पना चावला हिन्दूस्तान की नारी का गर्व बढाया यारो !
    किरन बेदी आज की नारी की पहचान है यारो !
    इस कलयुग का दोष नही है यारो , त्रेतायुग में सीता माता को पुजा जाता था यारो !
    पर द्वापरयुग में भरी सभा में द्रोपदी का वस्त्र उतारा जाता है यारो !
    फिर इस कलयुग क्या कहना , ईस कलयुग ने कम कपडे. को फ़ैशन कहता है यारो !
    ईस कलयुग का पहला मँकशद पैसा पुरी दुनियाँ का गहना होगा !
    पर पैसे की हवश मर्यादा में रहकर करना होगा !
    हर हिन्दूस्तानी को गांधी के पद चिन्हो पर चलना होगा !
    लाल बहादुर जैसा नेता हर हिन्दूस्तानी को बनना होगा !
    बेईमानी से धन अर्जीत करने वालो को चुल्लू भर पानी में डूब कर मरना होगा !
    घूस लेने वाले से पहले अपराधी घूस देने वाला होगा !
    पराई बहन-बेटियों पर बुरी नजर डालने वाला हर माँ का अपराधी होगा !
    हर हिन्दूस्तानी जनता की शोच में एक क्रान्ती परिवर्तन लाना होगा !
    यदी मेरी लेखनी से जनता के दिल को चोट पहुचती है यारो !
    तो मैं ऎसे भाई बन्धुओं से हाथ जोङकर क्षमा की भीख माँगता हूँ यारो !
    यदी मेरी लेखनी से असामाजिक तत्वों को बुरा लगता है यारो !
    छुप कर पीठ पर वार मत करना , चला देना गोली मेरे शीने में चौराहे पर लटका कर यारो !

  24. ऎ मेरे वतन लोगो ४.
    ऎ मेरे वतन के लोगो , तुम अपने आप को संम्भालो !
    यह भारत वर्ष है सबका , पर अब ईसपे है , राजनिति का कब्जा !
    पर ईतना तो मत भूलो , जिसने भारत को आजाद कराया !
    जिन्दगी का एक पल भी , अगर तुम सच्चे दिल से याद कर लिया !
    ऎ मेरे वतन के लोगो , तुम अपने आप को संम्भालो !
    जो ईस देश को लूट रहे है , तुम उनकी य़ाद दिला दो नानी !
    जब से देश की जनता है चुप्पी साधी , तब से देश में बडी है बर्बादी !
    ऎ मेरे वतन के लोगो , तुम अपने आप को संम्भालो !
    जब तक देश में थी सच की ताकत , तब तक बेईमानी ने नहीं पाँव पसारा !
    फिर समाज के कुछ लोगो ने , दिया उनको सहारा !
    जो ईस देश को लूट रहे है , तुम उनकी य़ाद दिला दो नानी !
    ऎ मेरे वतन के लोगो , तुम अपने आप को संम्भालो !
    जब सरकारे लाती है देश का बजट , उस समय भारत वासी खॆल रहा होता है होली !
    जब हम चुप बैठते है घरो में , सरकारी महकमो में होती है घुसखोरी !
    है धनी हर पुलिस महकमा आज समाज में !
    वही हैं धनी समाज में , जिसने की है हर मनमानी !
    जो ईस देश को लूट रहे है , तुम उनकी य़ाद दिला दो नानी !
    कोई नेता, कोई अभिनेता, कोई साधू सन्त, तो कोई अफ़सर है सरकारी !
    ईस देश को लूटने वाले , ईसी देश के है कुछ लोग जो भारत को लूट रहे हैं बारी-बारी !
    जो ईस देश को लूट रहे है , तुम उनकी य़ाद दिला दो नानी !
    जिसने भी काला धन बिदेशो में पहुचाया,क्या अभी तक हमारी सरकारे ऎसा कोई कानून बनाया !
    थी भूंख से तड.प रही भारत की हर काया !
    फ़िर भी सरकारी गोदामो में,चावल गेहूँ को सड.वाया !
    कुछ सरकारी स्कूलो में भी भ्रश्टाचारी लोग पडे. हैं यारो !
    जिसे बुधजिवी वर्ग कहा जाता है , क्यो चुप्पी साधे है यारो !
    मोटे-मोटे व्यापारी से पेटी खोखा मगवाया जाता है !
    फ़िर जाकर उसे स्वीज-बैंक में जमा कराया जाता है !
    जब भ्रश्टाचार सामने आया तो ,सब कह गये कि हम सब मिलकर करते हैं !
    ऎसे लोग हैं य़ारो , जो भारत में करते हैं बेईंमानी !
    फ़िर उन्ही पैसो की गरमी से , चलती है मनमानी !
    तुम सब मत भूलो ऎसे भ्रश्टाचारी लोगो को , ईस लिए हमने लिखी है अपनी जुबानी !
    जो ईस देश को लूट रहे है , तुम उनकी य़ाद दिला दो नानी !
    मेरा भारत महान
    बन्धू य़े भारत है ,प्रेम भाव नदारथ है । मीलिए इनसे कोई स्वारथ है ॥
    जहा भी देखो, सत्य-मेव जयते का नारा है । आज ब्लैक मनी सबको प्यारा है ॥
    कुरसी हित अपनो को मारा , फ़िर भी प्यारा भारत देश हमारा ॥
    आज कल के अफ़सर नेता , थोङा बहुत सभी है लेता ॥
    हम जैसो का अब नही गुजारा , फ़िर भी प्यारा भारत देश हमारा ॥

  25. चलो भारत को नर्क बनाये हम , देश द्रोहियो से हाथ मिलाएं हम !
    घुश खॊरॊ का साथ निभाएं हम , मिलावाट करने वालो को नजर अंन्दाज करते जाएं हम !
    भारत के बेईमानो को अपने पास में रहने की जगह दिलाएं हम !
    चलो भारत को नर्क बनाये हम , अपने देश के गद्दारो का साथ निभाएं हम !
    अपनी आखॊं पर शर्म की पट्टी बाधकर जिन्दगी बिताएं हम !
    अपने ही देश के लोगो को आपस में नफ़रत पैदा करवाएं हम !
    कुर्सी के लालच में एक प्रान्त के लोगो को , दुसरे प्रान्त के लोगो से लड.वाएं हम !
    चलो भारत को नर्क बनाये हम , संसद भवन में चोर उचक्के नेताओ को वोट देकर पहुचाएं !
    जार्ज बुश के उपर मारा जूता , अब फ़ैशन बनवाएं हम !
    गरीब जनता को भूखॊ की नींद सुलाएं हम !
    सरकारी गोदामो में गेहूं चावल सडवाएं हम !
    महगाईं की मार से हमको क्या लेना देना ! अपनी जेब गरम करते जाये हम !
    स्कूलो की डिग्री से क्या लेना देना , रिश्चत देकर फ़र्जी सर्टी फ़िकेट बनवाए हम !
    बच्चो के फ़्यूचर से क्या लेना देना , अपना बिजनेश करते जायें हम !
    चलो भारत को नर्क बनाये हम ,

  26. अपनी आजादी को हम भुला सकते हैं , लेकिन देश को बर्बादी से बचा सकते नहीं !
    हमने कई वर्षो के बाद ये कुर्सी पायी है , सैकडो गरीबो का खून चूँस कर ये दौलत कमाई है !
    न जाने कितने सुहागनो का सुहाग हमने जन्नत में पहुचायी है !
    खाक में अपनो की ईज्जत मिला सकते लेकिन है , देश को वर्वादी से बचा सकते नही !
    अपनी आजादी को याद तो कर सकते है , लेकिन देश के लिए कुछ कर सकते नहीं !
    क्या चलेगी , दुसरो की मर्जी मेरी गुन्डा गर्दी के सामने !
    लाखों की रिश्वत लेकर अगर आये कोई , बच कर जा नहीं सकता मेरी चतुराई के सामने !
    हम ऎसॆ देश द्रोही नेता है , जिसे हमारे देश की जनता अब हरा सकती नहीं !
    अपनी आजादी को याद तो कर सकते है , देश को आबाद कर सकते नहीं !
    संसद भवन में अब जूता और चप्पलो की भरमार करते जायंगे !
    देश की जनता के साथ हम खिलवाड़ करते जायेगें !
    अगर देश में मिलेगें देश भक्त नेता कोई , अपने पैसो की गर्मी से हम उन्हे खत्म करते जायेगें !
    अपनी आजादी को याद तो कर सकते है , लेकिन देश के लिए कुछ कर सकते नहीं !
    टू बी कान्टीन्यू…..

  27. IS DESH KE NAGRIKO KO SAMAJA NA CHAHIYE KI DESH KE NETA CHAHE VE KISI PARTY KE HO VE IS DESH KO GUMARAH KAR LOOT RAHE HAI. IS LIYE HAME ANNA JI KA IS AANDOLAN ME UNKA SATH DENA CHAHIYE .HAM SABHI KO APNE BHAVISYA KE LIYE,APNE DESH KE LIYE IS KRNTI MAI PARTISIPET KARNA CHAHIYE.

  28. HAM KITNE VEVKOOF HAI.RAJNETA HAME CHALANGE DEKAR IS DESH KO BECH RAHE HAI AUR KHAM KHUSI SE UNHE APNA NETA SVIKAR KAR RAHE HAI.JAN LOK PAL BILL KO HI LE LO PM ANNA JI KO BHAROSA DILATE HAI KI ,C,KE KARMCHARIYO KO ISKE ANDER RAKHA JAYEGA JINSE AAM AADMI KO SABSE JYADA KAM PANATA HAI KO ISME SAMIL KIYA JAYEGA.LEKIN KYA ESA HUA? NAHI.HAM PM JI KO IMANDAR MANTE HE KIS ADHAR PAR JHOTH BOLNE KI LIYE YA JANTA KO GUMRAH KARNE KEYE JO BHI HO.AB BUS PLZ HAME VASTAVIKTA KO JANKAR AGE BANNA HOGA SO PLZ COME WITH ANNA JI .ANYTHA HAMARA ANE VALA BHAVISYA HAME GALI DEGA AUR HAME KHUD SE GLANI HOGI SO PLZ COME TO OUR UP COMING FUTURE,AND FOR OUR COUNTRY.THANKS TO SEE MY VIEW.

  29. भ्रश्टाचार चालीसा
    दोहा
    जनता के हक है , नेतन के पैरन की धुल !
    हर नेता पाल रखत् है, गुन्डन को जनता के अनकूल !
    अनपण नेतन के दुवारे , नतमस्तक होवै जात है अच्छॆ-अच्छॆ वीर् !
    अपनी कुर्सी की धौश् में , भारत देश के नेता भ्रस्र्टाचार् को आपस में पकावैं खीर !
    चौपाई
    जय हनुमान ग्यान गुन सागर ! भ्रश्टाचार राजनिति से उजागर !!
    जनता का सेवक चुनाव जीत हुआ बलवाना! बेईमानी उसकी माता,भ्रश्टाचार सुतनामा!
    जीत चुनाव हुआ अति बलवन्ती !शतबुध्दि को त्याग हुआ कुमति के संगी !!
    सोना चाँदी आगन ऎसे बिराजॆ ! जॆसे बारिश मे कुकूर मुत्ता घर आगन मे साजे !!

    बाहो मे बाला ऒर मदीरा बिराजॆ ! तन पर सफ़ेद कुर्ता ऒर द्दोती साजॆ !!
    राक्षसी प्रबृति के लोगो ने राजनिति का किया हॆ खंड्न ! फ़ॆली गुन्डा गर्दी हुआ समाज मे खन्ड्न!!
    विद्या वीहिन लोग हुए राजनिति मे अति चातूर ! कहते है मै हूँ जनता की सेवा करने को आतूर !!
    चरित्र वीहिन हो गया है सब नेता ! समाज के जितने भी अवगुण सब इनमे बस लेता !!
    भोली सकल लेकर जनता के सन्मुख आवा ! जीत चुनाव पाँच साल फिर नही कबहू मुँख दिखावा !!
    महाकाल रुप धरि सब कुछ लीए डकारे ! हमरे देश का कानून सुबह शाँम झाडू मारे इनके दुवारे !!
    गठबन्धन की राजनिति अब सवै चलावै ! मनमोहन कि छ्वी पर भी अब दाँग लगावे!
    राहूल ने भी की मनमोहन की बहुत बडाई ! तुम हो काग्रेस मे वेदाग नेताओ मे मेरे भाई !!
    आज सहज ही पूरा भारत तुम्हरे गुन गावै ! पर ऎसे मे भाजपा तुम्हरे गले की फाँस बनावै !!
    टेलीकाम,कामनवेल्थ,आ.पी.एल,आदर्शा ! राजा,कलमाडी,ललीतमोदी,अशॊकचौहान,सुरर्शा!!
    देश की जनता कुछ भी कह ले ईस जहा मॆ ! अब हमारा कोई कुछ नही कर सकता सारे जहा मे !!
    तुम सब हमे चुनाव जिताकर कोई उपकार नही है कीन्हा ! नोटो की गड्डी दारुँ की बोतल दी, तब तुमने वोट है दिन्हा !!
    हमेशा हमने झूठा प्रचार किया मनमानी ! मुरख जनता मुझको वोट देकर खुद से किया बेईंमानी !!
    स्वीज बैंक हजारो कोष दूर है, यारो जाना ! फ़िर दो-चार हजार वहा लेकर क्या जाना !!
    जनता की गाडी कमाई ! हमने दिया स्वीज बैंक मे जमा कराई !!
    ईतना जोखिम काम भला हम जनता को क्यो देते ! भारत मे बैंको की रखवाली फिर हम किसको देते !!
    कहने को हम है जनता के रखवारे ! लेकिन बिना हमारी आज्ञा कोई हाथ पॉव भी नही मारे !!
    राजनिति मे सब कुछ जायज है करना ! फिर देश की जनता और कानून से हमे क्या डरना !!
    हम अपनी गुन्डा गर्दी और बडाते जावैं ! देश की जनता को लूटते और डराते जावैं !!
    थाना-पुलिस कभी हमरे निकट नहि आवैं ! कमीने नेताओ का जब नाम सुनावै !!
    सरकारी महकमा समाज में है एक कीडा ! भॊली-भाली जनता को देती हरदम पीडा !!
    संकट मे ये अपनो को और फ़सावै ! पैसा कौडी,ईज्जत सब कुछ दाँव पर लगवावै !!
    कभी-कभार जनता होवै हैं सब पर भारी ! पर उनका भी हक गटक गये सबको किया भिखारी !!
    राजनिति में अगर कोई सच्चा आना चाहे ! समझ लो वह अपनी जिन्दगी से जान गवाए !
    चारो दिशाओ में घुम-घुम किया अत्याचारा ! तब जाकर किया ईतना बडा भ्रस्टाचारा!!
    साधू सन्त सब है राजनिति के चट्टू-बट्टू ! गेरुवा वस्त्र पहन कर हर जनता को घुमाते लट्टू- लट्टू !!
    राजनिति में सब कुछ जायज ठहराया जाता ! चुनाव प्रचार में नेता बडे-बडे वादो का पुल बाधता जाता !!
    देश की जनता कट्पुतली,कानून हमारी मुट्टी में ! शाँम सवेरे तलवे चाटती पुलिस हमारी चुट्की में !!
    हमारे झूठे- झूठे भाषण् लोगो को अति भावै ! मानो वे अपने को जन्मो-जनम् धन्य व्हे जावै !!
    पाँच साल बाद नेता फिर जनता के बीच मे आवै ! जब वह फ़िर अपनी किस्मत को अजमावै !!
    लेकिन अब उसके अपने भी साथ न धरईं ! अब तो जेल मे बैठकर ऎश करईं !!
    सब अवगुन समाप्त करे राजनिति पिटारा ! जब राजनिति का लिया सहारा !!
    जै जै जै राजनिति गोसाईं ! तुम्हरी कृपा हम जैसन पर सदा बनाई !!
    जो सत् बार पाठ राजनिति चालीसा कोई !अपराध् मुक्त्त् समाज ईस देश मे पैदा होई
    !!
    दोहा
    नेता जनता से वादा करत संकट हरन , मुरख जनता भी पूजत नेता मंगल मुरत रुप !
    नेतन की सब पीडीं जन्मो जनम राज करिहै ,ऎशन बिचार जनता अपने ह्र्दय में बषहूँ शुर भूप !!

    निखिल संघवी सरplease give me a job i am sending my resume to you reply fast

    महोदय मुझे मेरी नौकरी से निकाल देगें उसका दुखः नहीं होगा , लेकिन यह साबित हो जाता है कि ईमानदारी और वफ़ादारी की कोई किमत नहीं होती आप के कम्पनी में मैनेंजमेंन्ट(जो झुठ के सहारे चलती है )वह जीत गयी,और मैं यानी सच हार गया कम्पनी चलाने में किसी एक रोल नहीं होता है, जब मालिक किसी वर्कर के साथ बैठ्कर दारु पीता है तो उसे सच और झुठ कौन है पहचानना मुश्किल हो जाता है आज हमारे खिलाफ़ जितने भी सबूत पेश किए गये है वह सब मैनेजमेंट की एक घटियां चाल है जिसमें वे सफ़ल भी हुए है अच्छी बात है, क्या हमारे निकल जाने से आप का सिस्ट्म शुचारू रुप से चल सकता है मुझे खुशी होगी

    आओ बच्चों तुम्हें दिखाए झाकी घपलिस्तान की. इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की. बंदों में है दम, राडिया-विनायकयम्. बंदों में है दम, राडिया-विनायकम्. उत्तर में घोटाले करती मायावती महान है दक्षिण में राजा-कनिमोझी करुणा की संतान है. जमुना जी के तट को देखो कलमाडी की शान है घाट-घाट का पानी पीते चावला की मुस्कान है. देखो ये जागीर बनी है बरखा-वीर महान की इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की. …बन्दों में है दम…राडिया-विनायकम्. ये है अपना जयचंदाना, नाज़ इसे गद्दारी पे. इसने केवल मूंग दला है मजलूमों की छाती पे. ये समाज का कोढ़ पल रहा, साम्यवाद के नारों पे बदल गए हैं सभी अधर्मी भाडे के हत्यारे में . हिंसा-मक्कारी ही अब,पहचान है हिन्दुस्तान की इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है हैवान की. बन्दों में है दम…राडिया-विनायकम्. देखो मुल्क ***ों का, ईमान जहां पे डोला था. सत्ता की ताकत को चांदी के जूतों से तोला था. हर विभाग बाज़ार बना था, हर वजीर इक प्यादा था. बोली लगी यहाँ सारे मंत्री और अफसरान की. इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है शैतान की. बन्दों में है दम…नंगे- बेशरम

  30. maine suna hai ‘be positive think positive and do positive’.ye vichar desh ke mahan darsaniko,mahan aatmao ke vichar hai.sarkar kiranvedi,arvind kejarival,anna in sabhi par aarop lagakar janta ,desh ko gumarah kar rahi hai.ek bar ko ye man bhi liya jaye ki ve galat hai to bhi unhone jo mudda udhaya hai vo desh ,samaj,ke liye ke liye jaroori hai.vo ek mahan karya kar rahe hai.isake liye to hame unka aabhar jtana chahiye na ki unpar aarop .so plz sachchi ko jankar age bano.aur is desh ko corruption se mukta karo.

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